Thursday, April 3, 2008

एक बस तू ही नहीं

एक बस तू ही नहीं मुझसे खफा हो बैठा
मैंने जो *संग तराशा वो खुदा हो बैठा

उठ के मंजिल ही अगर आए तो शायद कुछ हो
शौक़-ए-मंजिल तो मेरा *आबलापा हो बैठा

*मसलेहत छीन गई *कुव्वत-ए-गुफ्तार मगर
कुछ न कहना ही मेरा मेरी *सदा हो बैठा

शुक्रिया ए मेरे कातिल ए मसीहा मेरे
ज़हर जो तूने दिया था वो दवा हो बैठा

-फरहत शहजाद

संग=Stone
आबलापा= Exhausted/Fatigued
मसलेहत = Prudent Measure
कुव्वत--गुफ्तार= Quvvat means strength and Guftaar means conversation. Hence the meaning.
सदा= Voice

Here the word "Khuda" in the first stanza refers to one of the qualities of God. God is considered to be shapeless in Islam.




1 comment:

Siyaah said...

Nice one. Had always liked this beautiful ghazal...and its sung wondefully in the version by Mehdi Hasan.