Phir shauq kar raha hai, khareedaar ki talab Arz-e-mata'-e-aql-o-dil-o-jaan kiye hue
वो लोग बहुत ख़ुशक़िस्मत थेजो इश्क़ को काम समझते थेया काम से आशिक़ी करते थेहम जीते जी मसरूफ़ रहेकुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
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